ठंड, नववर्ष

01-01-2024

ठंड, नववर्ष

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 244, जनवरी प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

हाइकु
 
ठंड का राज
ठिठुरी ठंडी आग
धुँध साम्राज्य। 
 
जला अलाव
ढलता दिसम्बर
ठंड का साज़। 
 
सर्दी बेदर्दी
करती गुंडागर्दी
धुँध की वर्दी। 
 
बीता ये वर्ष
कुछ टूटे सपने
कुछ संघर्ष। 
 
स्वप्नों के साथ
आगत नव वर्ष
मन उत्कर्ष। 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

काव्य नाटक
कविता
गीत-नवगीत
दोहे
लघुकथा
कविता - हाइकु
नाटक
कविता-मुक्तक
वृत्तांत
हाइबुन
पुस्तक समीक्षा
चिन्तन
कविता - क्षणिका
हास्य-व्यंग्य कविता
गीतिका
सामाजिक आलेख
बाल साहित्य कविता
अनूदित कविता
साहित्यिक आलेख
किशोर साहित्य कविता
कहानी
एकांकी
स्मृति लेख
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
ग़ज़ल
बाल साहित्य लघुकथा
व्यक्ति चित्र
सिनेमा और साहित्य
किशोर साहित्य नाटक
ललित निबन्ध
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में