ख़ुद से मुलाक़ात

01-01-2024

ख़ुद से मुलाक़ात

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 244, जनवरी प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

ख़ुद से मुलाक़ात
चलो करें आज। 
 
अकेले-अकेले
बहुत दिन बीते। 
रिश्तों के बस्ते
कुछ भरे रीते। 
चलो आज गायें
वासंती साज़। 
 
गाँवों के पनघट
सब लगें सूने। 
शहरों के मुखड़े
दर्द से दूने। 
आँखों में गहरे
छुपे हुए राज़। 
 
अंदर तक पैठे
धुआँ और धूल। 
मन के उपवन में
शूल संग फूल। 
जीवन बीहड़ में
उड़ता मन बाज़। 

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