कुण्डलिया – डॉ. सुशील कुमार शर्मा – यूक्रेन युद्ध 

15-03-2022

कुण्डलिया – डॉ. सुशील कुमार शर्मा – यूक्रेन युद्ध 

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 201, मार्च द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

रूसी सेना ने किया, कितना क़त्लेआम। 
शहर शहर वीरान हैं, जीवन हुआ हराम। 
जीवन हुआ हराम, मौत कहकहे लगाए। 
सत्ता की ये भूख, ज़िन्दगी को खा जाए। 
बिल में छुपे हैं शेर, करें बस कानाफूसी। 
यूक्रेनी बर्बाद, मिसाइल दागें रूसी। 
 
सपने आँखों में लिए, पढ़ने गए विदेश। 
पुतिन महाशय ने तभी, दिया युद्ध आदेश। 
दिया युद्ध आदेश, पड़े जीवन के लाले। 
भूखे बिलखें आज, कौन अब उन्हें सम्हाले। 
गंगा से है आस, सभी बच्चे हैं अपने। 
भारत है प्रतिबद्ध, नहीं टूटेंगे सपने। 

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