अब नया संवाद लिखना

15-06-2022

अब नया संवाद लिखना

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 207, जून द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

छोड़ कर रंजिश पुरानी
अब नया संवाद लिखना। 
 
मौन मुद्दत से मुखर है। 
बोलना अब बेअसर है। 
है निशा काली मगर फिर, 
भोर आशा का बसर है। 
 
कर तिरोहित कष्ट कल के
आज का मन-नाद लिखना। 
 
पृष्ठ कोरे ज़िन्दगी के। 
हर्फ़ कुछ हैं बंदगी के। 
लेखनी के पर कतर कर, 
शब्द लिखते रिन्दगी के। 
 
चापलूसी छोड़कर के
सत्य का परिवाद लिखना। 
 
हर तरफ़ चीखें पुकारें। 
आज सहरा हैं बहारें। 
कौन तेरे कौन मेरे
हृदय में सब झूठ धारें। 
 
प्रेम को स्याही बना कर
मौन का अनुवाद लिखना। 

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