गाँधीजी और लाल बहादुर

15-10-2022

गाँधीजी और लाल बहादुर

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 215, अक्टूबर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

 (गाँधी जयंती पर विशेष) 

 

गाँधी, लाल भरोसा मन के जीवन के विश्वास हैं। 
दोनों भारत रत्न हमारे, जन गण मन की आस हैं। 
  
एक लँगोटी ऐनक पहने पर्वत सा संकल्प है। 
गाँधी टोपी धोती कुरता लाल कर्म प्राकल्प है। 
 
गाँधी जीवन की शुचिता है लाल शुद्ध सतकर्म है। 
गाँधी अहिंसा की थाती है लाल राज का धर्म है। 
 
सत्याग्रह के धारक बापू लाल सत्य का आग्रह है। 
मन क्रम वचन एक थे गाँधी लाल निडरता विग्रह है। 
 
क्षमा सत्य गाँधी के गुण हैं लाल सादगी के अवतार। 
गाँधी जीवन की शैली है लाल सात्त्विक शुद्ध विचार। 
 
आम आदमी का विकास हो बापू का था नित्य विचार। 
लाल राष्ट्रहित सदा सोचते शुचिता जीवन का आधार। 
 
दो अक्टूबर के दिन दोनों पावन धरती पर आये। 
राष्ट्ररत्न दोनों महान थे भारत के मन को भाये। 
 
भारत हित में कर्म करें हम आओ इनको नमन करें। 
सत्य अहिंसा मानवता का आओ हम आचरण करें। 

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