कुण्डलिया - डॉ. सुशील कुमार शर्मा - योग दिवस

01-07-2025

कुण्डलिया - डॉ. सुशील कुमार शर्मा - योग दिवस

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 280, जुलाई प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

1.
 
योगी मन को साधिए, तन-मन रहे निरोग। 
प्राण शक्ति संचार हो, तन-मन का हो योग। 
तन मन का हो योग, रोग, पीड़ा सब भागें। 
दृढ़ होता विश्वास, भाव शुभ मन में जागें। 
होता सत्यानाश, बने जो जीवन भोगी। 
पावन हो हर श्वास, निकट प्रभु के हो योगी। 
 
2.

 
जीवन को सुखमय करे, अष्ट योग का ध्यान। 
विश्व करे अभ्यास अब, पाए सुख-सम्मान। 
पाए सुख-सम्मान, रोग प्रतिरोधक जीवन। 
नित प्रति कर अभ्यास, योग है कष्ट नशावन। 
कह सुशील कविराय, योग मन का अभिनंदन। 
है भारत की देन, योग से सुखमय जीवन। 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

लघुकथा
कविता-मुक्तक
स्वास्थ्य
स्मृति लेख
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
कविता
खण्डकाव्य
सामाजिक आलेख
दोहे
सांस्कृतिक आलेख
ऐतिहासिक
बाल साहित्य कविता
नाटक
साहित्यिक आलेख
रेखाचित्र
चिन्तन
काम की बात
गीत-नवगीत
कहानी
काव्य नाटक
कविता - हाइकु
यात्रा वृत्तांत
हाइबुन
पुस्तक समीक्षा
कविता - क्षणिका
हास्य-व्यंग्य कविता
गीतिका
अनूदित कविता
किशोर साहित्य कविता
एकांकी
ग़ज़ल
बाल साहित्य लघुकथा
व्यक्ति चित्र
सिनेमा और साहित्य
किशोर साहित्य नाटक
ललित निबन्ध
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में