हम हैं छोटे बच्चे

01-12-2022

हम हैं छोटे बच्चे

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 218, दिसंबर प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

हम हैं छोटे बच्चे
होते मन के सच्चे। 
 
अच्छी लगे मिठाई
करते हाथापाई। 
 
मन भाती शैतानी
करते हम मनमानी। 
 
करते ख़ूब पढ़ाई
मित्रों सँग लड़ाई। 
 
सच्ची बातें कहते
सुख-दुख मिल कर सहते। 
 
पापा के हम प्यारे
माँ के राजदुलारे। 
 
दादा जी के क़िस्से
आते अपने हिस्से। 
 
नानी कहे कहानी
दादी बड़ी सयानी। 
 
पढ़ने में हम आगे। 
रोज़ सुबह हम जागे। 
 
खेल कूद में अव्वल
जेबों में कुछ डब्बल। 
 
हम भारत की आशा
रखते नहीं निराशा। 
 
भारत देश हमारा। 
लगता सबसे प्यारा। 

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