होली चलो मनायें

15-04-2022

होली चलो मनायें

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 203, अप्रैल द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

(बाल कविता: सार छंद) 

 

लाल धधकते अंगारे सा
देखो टेसू फूला। 
सुन करके होली की बातें
मुन्ना आग बबूला। 
 
पिचकारी भर टेसू का रंग
जब मुन्ना पर डाला। 
मुन्ना भी तब समझ चुका था
पड़ा किसी से पाला। 
 
प्यार से उसको दोस्त बनाया
बाँटी ख़ूब मिठाई। 
दिन भर मस्ती हमने छाँटी
पी पी कर ठंडाई। 
 
रंग बिरंगा मुन्ना प्यारा
लगता टेसू जैसा। 
बदल गया वो प्यारा मुन्ना
नहीं रहा अब वैसा। 
 
छोड़ पुरानी सारी बातें 
हँस कर गले लगाओ। 
होली के रंग में सब डूबो
गुझिया पपड़ी खाओ। 
 
भूलें सारे बैर द्वेष हम
ख़ुशियाँ अंग लगाएँ। 
बनें सहायक इक दूजे के
होली चलो मनाएँ। 

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