स्वागत है नववर्ष तुम्हारा

15-04-2021

स्वागत है नववर्ष तुम्हारा

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 179, अप्रैल द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

नए वर्ष में सजे हुए है,
हर द्वारे पर वंदनवार।
सुख के सुमन राह में बिखरे,
आया ये अनुपम त्यौहार।
 
चैत प्रतिपदा शुरू गई,
अमराई अब महकी है।
नए वर्ष में मन की चिड़िया,
देखो चहकी चहकी है।
 
ज्योतिपुंज सूरज गरमाया,
मौसम का बदला व्यवहार।
 
पकी खड़ी गेहूँ की बाली,
खेतों में उजास बिखरी।
सुमन वृन्त नव किसलय लेकर,
पेड़ों की आभा निखरी।
 
फूला फूला सा पलाश है,
नए वर्ष का कर शृंगार।
 
चलो नेह के दीप जला कर,
कलुष तमस को हम हर लें।
अनुपम ज्योतिर्मय जीवन हो,
मन संकल्पों से भर लें।
 
प्रेम और सौहार्द भरा हो,
नए वर्ष पर यह संसार।

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