वेलेंटाइन डे

15-02-2023

वेलेंटाइन डे

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 223, फरवरी द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)


दोहा गीतिका
 
मैं शरीर तुम आत्म हो, 
तुम मेरा आधार। 
जन्म जन्म से है मुझे, 
तुमसे सच्चा प्यार। 
 
तुमसे ही पूरा हुआ, 
तुमसे बना समग्र। 
तन मन धन सब हो तुम्हीं, 
तुम मेरा संसार। 
 
तुम धरती मैं चंद्रमा, 
तुम प्रभु का वरदान। 
तुम जीवन आनंद हो, 
तुम जीवन का सार। 
 
मैं चकोर तुम चंद्रमा, 
तुम जीवन की जीत। 
तुमसे जब से प्रीत है, 
ख़ुशियाँ मिलीं अपार। 
 
मधुरिम पावन प्रणय मय, 
अपनी सच्ची प्रीत। 
तुम जीवन की ज्योति हो, 
तन मन से आभार। 
 
जीवन का आनंद तुम, 
तुम जीवन धन प्राण। 
तुमसे ही माँगा तुम्हें, 
दे दो प्रिय उपहार। 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

सामाजिक आलेख
गीत-नवगीत
दोहे
काव्य नाटक
कविता
लघुकथा
कविता - हाइकु
नाटक
कविता-मुक्तक
यात्रा वृत्तांत
हाइबुन
पुस्तक समीक्षा
चिन्तन
कविता - क्षणिका
हास्य-व्यंग्य कविता
गीतिका
बाल साहित्य कविता
अनूदित कविता
साहित्यिक आलेख
किशोर साहित्य कविता
कहानी
एकांकी
स्मृति लेख
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
ग़ज़ल
बाल साहित्य लघुकथा
व्यक्ति चित्र
सिनेमा और साहित्य
किशोर साहित्य नाटक
ललित निबन्ध
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में