मैं तुम्हें प्यार करता हूँ

01-12-2023

मैं तुम्हें प्यार करता हूँ

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 242, दिसंबर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
इसलिए मैं छूना चाहता हूँ
तुम्हारी आत्मा को
तुम्हारे अस्तित्व को
तुम्हारी रूह में बैठी
स्वयं तुमको। 
 
मैं तुमसे प्यार करता हूँ
इसलिए मैं चाहता हूँ
कि तुम खो न जाओ
उन रिश्तों में
जो बाँध दिए गए हैं 
फूलों की ज़ंजीरों से
उन फूलों के नीचे के काँटे
कर रहे हैं तुम्हारी आत्मा को
लहूलुहान। 
 
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
इस लिए पीना चाहता हूँ
तुम्हारे दर्द भरे आँसू
चूसना चाहता हूँ उस ज़हर को
जो भर दिया गया है तुम्हारी नसों में
यह कह कर कि ये तुम्हें सहना ही है
यही तुम्हारी नियति है। 
 
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
इसलिए मैं छूना चाहता हूँ
तुम्हारे उस तन और उस मन को 
जो अभी भी कुँआरा बैठा है सपनों के आँगन में। 
 
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
इसलिए भरना चाहता हूँ
तुम्हारे ख़ाली अस्तित्व को उन लम्हों से 
जो आजतक बैठे हैं मेरे अंदर
तुम्हारी वही छवि लिए 
जो वास्तव में तुम थीं। 
 
मैं छूना चाहता हूँ तुम्हें
मैं पाना चाहता हूँ तुम्हें
मैं गुनना चाहता हूँ तुम्हें
वासनाओं से परे
क्योंकि मैं तुमसे प्यार करता हूँ। 
 
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ
इसलिए कह पा रहा हूँ तुमसे
इस उम्र में भी वह सब
जिसमें यह सब कहना वर्जित है। 

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