ओमीक्रान

15-01-2022

ओमीक्रान

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 197, जनवरी द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

(सरसी छंद) 


1. 
घूम रहा गली गली में, भैया ओमीक्रान। 
छुपा हुआ अदृश्य रूप में, ये शत्रु शैतान। 
अगर ज़रा सी ग़लती कर दी, तो मुश्किल में जान। 
भीड़-भाड़ से दूरी कर लो, इसका यही विधान। 
2. 
सूखी खाँसी फ़ीवर लाता, ये इसके संकेत। 
तन में दर्द और कमज़ोरी, ख़ुद को रखो सचेत। 
घर से बाहर कम ही निकलो, मुँह पर रख कर मास्क। 
युद्ध छिड़ा है कोरोना से, बड़ा कठिन है टास्क। 
3. 
मत घबड़ाओ मत शरमाओ, करवालो तुम टेस्ट। 
दूर सभी से तुम हो जाओ, यह आईडिया बेस्ट। 
जीतेंगे हम युद्ध कठिन ये, बनेगी अपनी बात। 
संयम संकल्पों के बल पर, बीतेगी ये रात। 

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