मेरी चाहत

15-07-2023

मेरी चाहत

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 233, जुलाई द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

तेरा चेहरा
मेरी चाहत
तेरी चुप्पी
से मन आहत। 
 
दिवा स्वप्न सा
तेरा मिलना
पर मन चाहे
तुझ में ढलना। 
 
मन को मैं
कैसे समझाऊँ
कैसे इसकी 
प्यास बुझाऊँ। 
 
प्रतिक्षण प्रतिपल
चाहे तुझको। 
बीच अधर में
छोड़ा मुझको। 
 
तेरी बाँहें
मंज़िल मेरी
प्रेम समेटे
पीर घनेरी। 
 
तेरी हाँ में
सुबह सबेरा
तेरी ना में
घना अँधेरा। 
 
यादों में तू 
जब भी आए
तन मन को
तू महका जाए। 
 
आँखों में बस 
तेरे सपने। 
बेगाने से 
लगते अपने। 
 
काश अगर
तू मिल जाये
पुष्पों सा
जीवन खिल जाए। 

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