आशुतोष राणा: एक असाधारण व्यक्तित्व की झलक

01-07-2025

आशुतोष राणा: एक असाधारण व्यक्तित्व की झलक

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 280, जुलाई प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

दमोह से आईं अर्चना जी की कहानी, जिसे देवेंद्र पाठक ने साझा किया है, आशुतोष भाई के असाधारण व्यक्तित्व और उनकी गहरी मानवीय संवेदना का प्रमाण है। यह घटना दर्शाती है कि क्यों आशुतोष भाई इतने संवेदनशील अभिनेता हैं; आशु भाई लोगों के लिए सिर्फ़ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्रोत और मार्गदर्शक हैं। 

यह कल की ही बात है, जब अर्चना जी, दमोह ज़िले से आशुतोष भाई से मिलने आईं थीं, अपने कुछ लेख दिखाने के लिए। जब दद्दा (देवेंद्र भाई और अधिकांश उनके प्रिय आशुतोष भाई को प्रेम से संबोधित करते हैं) ने उनसे उनके जीवनयापन के बारे में पूछा, तो अर्चना जी ने बताया कि वे सिलाई मशीन चलाकर अपना और अपने बेटे का ख़र्च उठाती हैं। सात साल पहले उनके पति का देहांत हो गया था, और थोड़ी बहुत कमाई से ही उनका घर चलता है। 

इस जानकारी को सुनकर, आशुतोष भाई ने केवल सहानुभूति व्यक्त नहीं की, बल्कि सक्रिय रूप से उनकी मदद की। उन्होंने अर्चना जी को जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इस बारे में गहन मार्गदर्शन दिया। यह दर्शाता है कि वे सिर्फ़ तात्कालिक मदद में विश्वास नहीं रखते, बल्कि लोगों को उनके पैरों पर खड़ा होने के लिए सशक्त करते हैं। 

इसके अलावा, उन्होंने अर्चना जी के आवागमन का पूरा ख़र्च वहन किया, जिसमें किराए की गाड़ी का भुगतान भी शामिल था। उन्होंने अर्चना के बेटे को आशीर्वाद स्वरूप राशि भी दी। यह छोटे-छोटे कार्य उनकी उदारता और दूसरों के प्रति उनके सहज प्रेम को दर्शाते हैं। 

सबसे महत्त्वपूर्ण बात जो आशुतोष भाई ने अर्चना जी से कही, वह उनके चरित्र का मूल है: “जीवन में जब भी संकट आये तब हमें याद करना क्योंकि तुम हमें दादा कहकर संबोधित कर रही हो तो तुम्हें अब परेशानी आने पर अपने दादा को याद करना है ख़ुशी में नहीं।” यह कथन उनकी ज़िम्मेदारी की भावना और दूसरों के प्रति उनके अटूट समर्थन को उजागर करता है। वे चाहते हैं कि लोग उन्हें केवल सुख में ही नहीं, बल्कि दुख और संकट में भी याद करें, क्योंकि वे स्वयं को एक परिवार के सदस्य के रूप में देखते हैं। 

यह घटना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि आशुतोष भाई केवल एक प्रसिद्ध व्यक्ति नहीं हैं; वे एक संवेदनशील, परोपकारी और मार्गदर्शक व्यक्तित्व हैं। उनकी यह विशेषता ही उन्हें इतना बड़ा बनाती है, और शायद यही कारण है कि ईश्वर ने उन्हें इतनी ऊँचाइयों पर पहुँचाया है। उनका यह कार्य समाज के लिए एक प्रेरणा है कि कैसे एक व्यक्ति अपने प्रभाव का उपयोग दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कर सकता है। 

(देवेंद्र भाई यह शुभ घटना शेयर करने के लिए आभार) 

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