कुण्डलिया - डॉ. सुशील कुमार शर्मा - ठंड

15-12-2021

कुण्डलिया - डॉ. सुशील कुमार शर्मा - ठंड

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 195, दिसंबर द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

1.
बड्डू गुड्डू मस्त हैं, ख़ूब सेंकते धूप। 
किट किट जबड़ा बज रहा, पापा पीते सूप। 

पापा पीते सूप, ठंड का मौसम आया। 
सूरज है निस्तेज, कोहरा छत पर छाया। 

आग तापते लोग, बने मेथी के लड्डू। 
हुए तीन दिन आज, घुसे बिस्तर में बड्डू। 
 
2.
सर्दी में ठिठुरे हुए, पंछी दुबके डाल। 
ओस की बूँदें घास पर, थिरकें दे दे ताल। 

थिरकें दे दे ताल, पकोड़े मम्मी लाई। 
गुड़ की गरम गपोल, जलेबी हमने खाई। 

सूरज मामा गोल, ठण्ड की गुंडागर्दी। 
जलते मस्त अलाव, मज़ा लो आई सर्दी। 
 

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