जल पर क्षणिकाएँ

15-05-2023

जल पर क्षणिकाएँ

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 229, मई द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

1.
जल जैसे
सूखते रिश्ते
बंजर संवेदनाएँ। 
2.
जल का सकोरा
ढूँढ़ती चिड़िया
कंक्रीट का
बियाबान। 
3.
एक गागर पानी
कुछ मौतें
चीखता टीवी
सोती सरकारें। 
4.
जल संरक्षण
सूखा मन
बिकता पानी
मरती गाय
कटते वृक्ष
लुप्त गौरैया
सामाजिक ध्रुवीकरण
अच्छे दिन। 
5.
मैली गंगा
सूखती नर्मदा
सोने की रेत
लुटती नदी
सिसकते मानवाधिकार
सिर्फ़ जुमला
जल बचाओ। 
6.
दादाजी की नदी
पिता जी का नल
बेटे की बोतल
आने वाली पीढ़ी
पूछेगी कैसा होता था जल। 

1 टिप्पणियाँ

  • 15 Jun, 2023 10:41 AM

    सटीक यथार्थवादी अभिव्यक्ति! आने वाली पीढ़ी पूछेगी कैसा होता था जल!

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