कुण्डलिया - डॉ. सुशील कुमार शर्मा - स्तनपान

01-06-2022

कुण्डलिया - डॉ. सुशील कुमार शर्मा - स्तनपान

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 206, जून प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

ममता की मूरत सुघड़, हो तुम ईश्वर रूप। 
माँ तुमसे जीवन सुखी, तुम छाया जग धूप। 
तुम छाया जग धूप, भूख ने जब बिलखाया। 
आँचल की कर ओट, मुझे स्तनपान कराया। 
चरणों में धर शीश, तुम्ही मेरी हो क्षमता। 
चरण तुम्हारे स्वर्ग, ईश सम तेरी ममता। 
 
बढ़ते जाना स्वस्थ तुम, करके माँ स्तनपान। 
माँ के आँचल दूध से, शिशु बनता बलवान। 
शिशु बनता बलवान, रोग शिशु पास न आएँ। 
बुद्धि वीर्य आधान, दूर सारी बाधाएँ। 
हो सम्पूर्ण विकास, रहे शिशु स्वस्थ सुहाना। 
अमिय सरिस माँ दूध, स्वस्थ शिशु बढ़ते जाना। 

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