तेरा घर या मेरा घर

15-08-2023

तेरा घर या मेरा घर

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 235, अगस्त द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

एक गाँव
जहाँ सब प्यार से रहते थे
आज हैं एक दूसरे के
ख़ून के प्यासे। 
एक फ़िरके ने हमला किया। 
दूसरा फ़िरक़ा घायल। 
एक फ़िरक़ा मारा गया
एक फ़िरक़ा जेल में
एक के घर में मौत का मातम
एक का घर बुलडोज़ हुआ
दोनों दुःख में
एक की माँ के आँखों में आँसू
दूसरे की माँ कराहती हुई। 
राजनीति के दो ठेकेदार
एक पक्ष चिल्ला रहा है
तूने किया
दूसरा चिल्ला रहा है
तूने किया
दोनों सत्ता की भूख में
भूल गए कि
दोनों पी रहे हैं
भारत माता का ख़ून
दोनों झंडे झुके हैं
अपने लोगों की मौत पर
और एक डर
जो अतीत से चल कर
वर्तमान से होकर
भविष्य तक फैल रहा है। 

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