श्री राधा पर दोहे

15-09-2025

श्री राधा पर दोहे

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 284, सितम्बर द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

1.
राधा नाम अमोल है, राधा हरि रस धार। 
माधव राधा संग में, करते वृंद विहार॥
2.
राधा कृपा कटाक्ष से, मिले कृष्ण अनुराग। 
नवल किशोरी के बिना, सूने हैं सब राग॥
3. 
श्रीराधा रस मूर्ति हैं, उनका आदि न अंत। 
चरण कमल के ध्यान से, ख़ुशियाँ मिलें अनंत॥
4. 
राधा हरि की आत्म हैं, हरि राधा के प्राण। 
जपने से इनके मिले, इस जीवन से त्राण। 
5. 
राधा व्रज की शान है, राधा ही आधार। 
चरण कमल के ध्यान से, जीवन हो उजियार॥
6. 
राधा राधा जो जपें, पावें हरि दरबार। 
राधा हरि के ध्यान ही, करता भव से पार॥
7. 
श्रीराधा वाणी मधुर, श्रीराधा मन वृंद। 
बिन राधा सूना जगत, सूने माधव नंद॥
8. 
राधा प्रेम की मूर्ति है, राधा भक्ति स्वरूप। 
ध्यान से उनके ही बने, जीवन मधुर अनूप॥
9. 
राधा रस की धार है, राधा प्रीति विशाल। 
नवल किशोरी के बिना, रहें अधूरे लाल। 
10. 
राधा माधव एक हैं, जैसे सुर लय ताल। 
बिन राधा के नाम के, मिलें कहाँ गोपाल। 

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