मेरे प्यारे पापाजी

15-09-2022

मेरे प्यारे पापाजी

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 213, सितम्बर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

(पूजनीय के जन्मदिन पर कविता) 

बरगद जैसी छाँव पसारे
मेरे प्यारे पापा जी। 
हम सबकी आँखों के तारे
मेरे प्यारे पापा जी। 
 
शुचिता सँग आदर्श सम्हाले
मेरे प्यारे पापाजी। 
संघर्षों की माला डाले
मेरे प्यारे पापाजी। 
हम सबको जीवन में धारे
मेरे प्यारे पापाजी। 
 
शिक्षा का नव दीप जलाते
मेरे प्यारे पापाजी
हर मुश्किल आसान बनाते
मेरे प्यारे पापाजी। 
जीवन से जो कभी न हारे
मेरे प्यारे पापाजी। 
 
कहीं ग़लत जब हम हो जाएँ
डाँट लगाते पापाजी। 
और कभी मुश्किल में आएँ
साथ निभाते पापाजी। 
सब जनकों से न्यारे-न्यारे
मेरे प्यारे पापाजी। 
 
उम्र बयासी तन पर धारे
मगर जवां हैं पापाजी। 
शत वर्षों तक साथ हमारे
रहना तुमको पापाजी। 
सारे सुख अब तुम पर वारे
मेरे प्यारे पापाजी। 
 
बरगद जैसी छाँव पसारे
मेरे प्यारे पापा जी। 
हम सबकी आँखों के तारे
मेरे प्यारे पापा जी। 
 
पूजनीय आज आपने अपने जीवन के बयासी वर्ष पूर्ण किये आपको जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएँ। 

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