कुण्डलिया - डॉ. सुशील कुमार शर्मा - सावन

01-08-2022

कुण्डलिया - डॉ. सुशील कुमार शर्मा - सावन

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 210, अगस्त प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

सावन में संतृप्त सब, हरियाली चहुँ ओर। 
प्रकृति मयूरी नाचती, मन मकरंद विभोर। 
मन मकरंद विभोर, गिरे रिमझिम जब पानी। 
झूमे मस्त किसान, प्रकृति तन चूनर धानी। 
शिवशंकर का ध्यान, माह श्रावण का पावन। 
ख़ुशियों का संसार, लिए आता है सावन। 

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