कुण्डलिया - डॉ. सुशील कुमार शर्मा - नर्स दिवस पर
डॉ. सुशील कुमार शर्मा1.
सेवा भावी नर्स सब,
ईश्वर रूप अनूप।
जीवन की रक्षा करें,
संकट मोचक रूप।
संकट मोचक रूप,
मौत से हरदिन लड़तीं।
करें सतत संघर्ष,
हमेशा पर हित गढ़तीं।
इनको नमन सुशील,
बचातीं प्राण परेवा।
जग करके दिन रात,
करें हम सबकी सेवा।
2.
सेवा जिनकी भावना,
परहित जिनका धर्म।
निज सुख-दुख को त्याग कर,
मानव सेवा कर्म।
मानव सेवा कर्म,
रात दिन हमें सँभालें।
देकर जीवन दान,
स्वयं ये संकट पालें।
इनको नमन सुशील,
खिलाओ इनको मेवा।
नर्सें बहिन समान,
करें ये रोगी सेवा।
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