नववर्ष

01-01-2023

नववर्ष

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 220, जनवरी प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

(दोहे) 
 
धूप रजाई ओढ़ कर, आया है नव वर्ष। 
उपवन में महकी मलय, मन मंगलमय हर्ष। 
 
प्रीत पगे मन हर्ष में, महकी-महकी धूप। 
नए वर्ष में सज रहे, प्राकृत रूप अनूप। 
 
मलय पवन सब शांत है, बढ़ती शीत प्रचंड। 
कोहरे से उपवन ढके, नए वर्ष की ठंड। 
 
मंगलमय नव वर्ष हो, हर मन हो उत्साह। 
हर हाथों में काम हो, पूरी हो हर चाह। 
 
महकी-महकी हो फ़ज़ा, उपवन सा घरबार। 
नया वर्ष उत्साहमय, शुभ मंगल हर द्वार। 
 
उत्साहित मंगल मिलन, मधुरिम मलय किलोल। 
नए वर्ष उत्कर्ष के, सारे पल अनमोल। 

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