मज़दूर दिवस पर गीत

15-05-2025

मज़दूर दिवस पर गीत

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 277, मई द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

जागो, ओ श्रम के रखवालो
अधिकारों का अलख जगाओ। 
 
धूप में तपे, छाँव न पाते, 
धरती को तुम स्वर्ग बनाते। 
ईंटों पर ईंटें तुम धरते। 
देश की नींव श्रमिक ही गढ़ते। 
 
अपनी शक्ति को पहचानो, 
अन्यायों को दूर भगाओ। 
 
कभी भूख से टूटे होंगे, 
सपनों भी तो रूठे होंगे। 
तेरा श्रम अनमोल रहेगा
कर्म देव जग तुझे कहेगा। 
 
इन हाथों की शक्ति अनमोल
श्रम की पूरी क़ीमत पाओ। 
 
चलो संगठित क़दम मिला कर। 
गले मिलो श्रम शक्ति गाकर। 
खेतों में सोना उपजाते
कलखानों को तुम्हीं चलाते। 
 
एक बनो तुम नेक बनो तुम
हर बाधा को मार गिराओ। 
 
दिवस तुम्हारा, अरे श्रमवीर, 
जगत तुम्हारा, अहो रणधीर
अविरल अमित मनोहर गाथा। 
श्रम के पाँव जगत का माथा। 
 
अपनी मेहनत कश बूँदों से
इस धरती को स्वर्ग बनाओ। 
 
जागो, ओ श्रम के रखवालो! 
अधिकारों का अलख जगाओ। 

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