संपादकीय - परिवर्तन ही जीवन है!
साहित्य कुञ्ज के इस अंक में
कहानियाँ
उजाला चुरा लिया
बाबू साइकिल लेकर तीनों गाँवों में डाक बाँटने जाता था। उसका स्वभाव इतना हँसमुख और मिलनसार था कि तीनों गाँव के लोग उससे बड़े प्यार से बातें करते थे। दिवाली की रात नौ बजे का समय था। मौसम में आगे पढ़ें
कृषि (का) नून
खेत मन ही मन सोच रहा है—वह क्यों जाए? . . . जाने कहाँ है लालक़िला . . . और पता नहीं क्यों वहाँ कृषि क़ानून लौटाना है, वह उस क़ानून के लपेटे में आती फ़सलों को देखता है आगे पढ़ें
दीमक उर्फ़ नेता जी
नेता जी ने हरिप्रकाश से पूछा, “ये दवाई किस चीज़ की है?” हरिप्रकाश ने शान्ति से बोतल को दिखाते हुए कहा, “ये नेताओं के लिए है।” नेता जी ने लाल-पीली आँख दिखाते हुए हरिप्रकाश से कहा, “इस पर तो आगे पढ़ें
पीए का पासवर्ड
पार्सल ब्वॉय मेरे घर के बाहर खड़े होकर मुझे बार-बार फोन कर रहा था, “सर, आप कहाँ हैं, मैं आपके घर के बाहर खड़ा हूँ। आपके नाम से पार्सल है!” “पाँच मिनट रुको, रास्ते में हूँ, आ रहा हूँ आगे पढ़ें
पूर्ण अनुनाद
शांत पहाड़ों की गोद में बसे एक छोटे से शहर, नैनीताल से कुछ दूर, जहाँ झील की लहरें प्राचीन मंदिरों की घंटियों से टकराती थीं, वहाँ अविरल रहता था। अविरल, नाम के विपरीत, एक ठहरा हुआ, मौन व्यक्तित्व था। आगे पढ़ें
बोनस का दीपक
ऑफ़िस में दीपावली की हलचल थी। दीवारों पर रंगीन झालरें लटक रही थीं, टेबलों पर मोमबत्तियाँ रखी जा रही थीं और हर कोई अपने-अपने तरीक़े से “मालिक” के आगे अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा था। रामखेलावन अपनी पुरानी फ़ाइलों आगे पढ़ें
राम के दीप, हमारे भीतर की अयोध्या में
(दीपावली पर आलेख-सुशील शर्मा) भारतीय संस्कृति की आत्मा यदि किसी एक पर्व में समाहित है, तो वह निस्संदेह दीपावली है। यह पर्व, जिसे ‘दीपों का उत्सव’ कहा जाता है, केवल दीयों और पटाखों तक सीमित नहीं है; यह जीवन के आगे पढ़ें
समय का मूल्य
सुंदरपुर नाम का एक सुंदर गाँव में राम और श्याम नाम के दो जुड़वाँ भाई रहते थे। माँ-बाप ने दोनों भाई का गाँव के स्कूल में दाख़िला करा दिया था। दोनों भाई ख़ुशी-ख़ुशी स्कूल जाते थे। शुरूआत में तो आगे पढ़ें
सिक्योरिटी गार्ड
“बदलते ज़माने की तासीर है . . . मैंने तो बहुत दुनिया देखी है।” बूढ़े अंकल यह बात अक्सर कहा करते थे। वह कहते, “तुम लोग नहीं मानोगे . . . कोई नहीं मानेगा। मेरे पैर कभी फ़र्श पर आगे पढ़ें
हास्य/व्यंग्य
इंटरनेशनल हिंदी
साहित्यकारों की एक जमात थाने को घेरे हुए थी। एक थाने से थानेदार दूसरे थाने को फोन करके दरयाफ़्त कर रहे थे कि आख़िर ये चौर्य विद्या के बाण इतने पढ़े-लिखे लोगों पर किसने चला दिए। इतने पढ़े-लिखे, विश्व आगे पढ़ें
इलाज का टेंडर
“डॉक्टर साहब, आप तो ये बताओ, इलाज में कुल ख़र्चा कितना बैठेगा?” मरीज़ एक्सीडेंट का है। ज़ाहिर है, मरीज़ के सभी अटेंडेंट डील ब्रेकर बनकर आए हैं। इनमें असली घरवाले कौन हैं, यह पता लगाना मुश्किल है। भीड़ देखकर लगता आगे पढ़ें
और बेताल उड़नछू हो गया
आज बेताल राह चलते एक जनवादी की पीठ पर जा चढ़ा। जनवादी कुछ समझ पाता इससे पहले ही बेताल ने अपनी पकड़ मज़बूत बनाते हुए पीठ पर बैठे-बैठे एक ऐतिहासिक सवाल दागा—महाभारत का युद्ध किसकी वजह से हुआ? “पहले आगे पढ़ें
कान है, तो जहान है
हमारे शरीर के अभिन्न हिस्सों में कान है। कान की महिमा अपरंपार है। कान के बिना कोई काम नहीं हो सकता। आपको चश्मा पहनना है। तो कान चाहिए। ईयर फोन लगाना है तो कान चाहिए। बिना कान के कुछ आगे पढ़ें
बंदे! तू न हुआ भैंसा
जबसे उन सोशल मीडिया प्रेमी को सोशल मीडिया पर वायरल हुए समाचार से पता चला है कि मेले में पुरुषों तो पुरुषों, महापुरुषों तक में एक परमादरणीय भैंसा जिसकी क़ीमत पच्चीस करोड़ है आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, आगे पढ़ें
मिठाइयों में बसा मनुष्य का मनोविज्ञान
(एक तीखा व्यंग्य-सुशील शर्मा) दीपावली का आगमन भारतीय घरों में केवल दीपों की पंक्तियाँ नहीं लाता, बल्कि संबंधों, नैतिकता और मानवीय स्वभाव के एक गूढ़ दर्शन को भी उजागर करता है। हमारे बुज़ुर्ग जिनका मधुर दर्शन जीवन की व्यावहारिकता में आगे पढ़ें
रज्जन का सपना
रज्जन ने कई रात पहले एक सपना देखा। बहुत ही डरावना। देखने के बाद से रज्जन की रातों की नींद उड़ गयी। उसे हर क्षण एक भय सताता रहता है कि अगर सपना सच हो गया तो क्या होगा? आगे पढ़ें
आलेख
अंबेडकर या बी.ऐन. राव? संविधान की सच्ची कथा
इतिहास के साए में छिपा एक सत्य भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा और सर्वाधिक विस्तृत लोकतांत्रिक दस्तावेज़ है। इसे केवल किसी एक व्यक्ति की देन मान लेना इतिहास के साथ अन्याय होगा। संविधान निर्माण की यात्रा 1919 से आगे पढ़ें
आदिवासी कला का गौरव भैरवीबेन मोदी
भैरवीबेन मोदी 1980 में जन्मी भैरवीबेन मोदी ने 2022 ने अहमदाबाद के शेठ सीएन कॉलेज ऑफ़ फ़ाईन आर्ट्स से चित्रकला में डिप्लोमा किया। उसके बाद बड़ौदा की एमएस यूनीवर्सिटी से कला की शिक्षा प्राप्त की। गाव में बिताए बचपन की आगे पढ़ें
क्या हम अपने आप को बदल सकते हैं?
जब हम इस प्रश्न पर विचार करते हैं कि क्या हम अपने आप को बदल सकते हैं तो हमारे मन में कई तरह के भाव आने लगते हैं। आज जब दीपावली का पावन त्योहार मनाने का सुंदर अवसर आया आगे पढ़ें
गुरुनानक देव की शिक्षाओं की प्रासंगिकता
गुरुनानक जयन्ती पर विशेष (बुधवार, 5 नवंबर, 2025) गुरु नानक जयंती सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु, गुरु नानक देव जी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। इस पवित्र दिन को प्रकाश पर्व के रूप में भी आगे पढ़ें
चित्रा मुद्गल जी हमारे समय की अग्रणी साहित्यकार हैं
चित्रा मुद्गल जी के लेखन में एक ओर नष्ट होती मानवीय संवेदनाओं की तलाश है तो दूसरी ओर तथाकथित आधुनिकता की दौड़ में शामिल ज़िन्दगी की विवशताओं में अपसंस्कृति की गर्त में धँसते जा रहे क्षरित जीवन का आगे पढ़ें
दीपावली और पर्यावरण संरक्षण
दीपावली का त्योहार प्रकाश, सुख और समृद्धि का प्रतीक है, जो हमारे जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह भरता है। यह त्योहार हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है और हमें जीवन के सही मार्ग पर चलने आगे पढ़ें
भारतीय ज्ञान परंपरा: बौद्ध दर्शन और शिक्षा
आनंद दास सहायक प्राध्यापक, श्री रामकृष्ण बी. टी. कॉलेज (Govt. Aided.), दार्जिलिंग, संपर्क – 27 गांधी रोड बागमरी हाउस, दार्जिलिंग- 734101, पोस्ट ऑफिस- दार्जिलिंग, संपर्क - anandpcdas@gmail.com, 9382918401, 9804551685. शोध-सारांश: भारतीय ज्ञान परंपरा एक प्राचीन धारा है, जो सामाजिक मुद्दों आगे पढ़ें
मराठी दीपावली अंक की कहानी: ‘मासिक मनोरंजन’ का उदय और महिलाओं का सशक्तिकरण
मराठी साहित्य की दुनिया में दीपावली अंक एक अनोखी परंपरा का प्रतीक हैं। यह न केवल त्योहार की रौनक़ बढ़ाते हैं, बल्कि साहित्यिक उत्सव का रूप भी धारण कर लेते हैं। फराल, फटाकों और मिठाइयों के बीच ये अंक मराठी आगे पढ़ें
मोरक्को में मिले अवशेषों ने बदल दिया विकासवादी इतिहास
धरती की गहराइयों में दबी रहस्यमय कहानी एक बार फिर से सामने आई है। मोरक्को के पहाड़ी इलाक़ों से खोले गए डायनासोर की नई प्रजाति के जीवाश्मों ने वैज्ञानिकों को स्तब्ध कर दिया है। यह नया डायनासोर, स्पाइकॉमेलस एफर आगे पढ़ें
समस्या से पहले समाधान दिया था कृष्ण ने
कृष्ण भारतीय देवताओं में सबसे अधिक लोकप्रिय देवता रहे हैं, जो आज भी घर-घर में पूजित होते हैं और भारत तथा विदेशों में भी एक बड़े जन समुदाय के इष्टदेव बने हुए हैं, जिनकी जीवनलीला से जनजीवन आज आगे पढ़ें
सुशील शर्मा:साहित्य के पुरोधा
(कमल पुरोहित की क़लम से) नरसिंहपुर ज़िला साहित्य और आध्यत्म के क्षेत्र में बहुत अधिक समृद्ध माना जाता रहा है, ओशो से लेकर आशुतोष राना तक विश्व पटल पर नरसिंहपुर की गाडरवारा तहसील स्वर्णाक्षरों में अंकित है। इसी तहसील के आगे पढ़ें
हिंदी साहित्य का अमर योद्धा: डॉ. रामदरश मिश्र
कीर्ति शेष— “बनाया है मैंने यह घर धीरे-धीरे! खुले मेरे ख़्वाबों के पर धीरे-धीरे। किसी को गिराया न ख़ुद को उछाला, कटा ज़िंदगी का सफ़र धीरे-धीरे।” इन पंक्तियों के अमर रचनाकार डॉ. रामरदश मिश्र 31अक्टूबर 2025 को दिल्ली में अपने आगे पढ़ें
समीक्षा
आत्मसंघर्ष और संवेदना का समर: ‘लिखा नहीं एक शब्द’
समीक्षित पुस्तक: लिखा नहीं एक शब्द (काव्य संग्रह) लेखक: अमित कुमार मल्ल प्रकाशक: बोधि प्रकाशन, जयपुर प्रकाशन वर्ष: प्रथम संस्करण 2002, द्वितीय संस्करण 2021 पृष्ठ संख्या: 132 मूल्य: ₹150 अमित कुमार मल्ल का काव्य संग्रह ‘लिखा नहीं एक शब्द’ समकालीन आगे पढ़ें
चिरंतन का चिंतन एवं शाश्वत से साक्षात्कार: सनातन धर्म एवं संस्कृति
विश्व के समस्त सनातन संस्कृति के संरक्षकों, संवर्द्धकों और पोषकों को समर्पित संकलन: सनातन धर्म एवं संस्कृति समीक्ष्य कृतिः सनातन धर्म एवं संस्कृति प्रकाशकः संजीव प्रकाशन, दिल्ली-110002 सम्पादकः डॉ. दिनेश पाठक ‘शशि’ विधाः गद्य (विचार/आलेख) संकलन पृष्ठ संख्याः आगे पढ़ें
पाठकों को अलग अनुभूति देती पुस्तक ‘पहियों पर पैर’
समीक्षित पुस्तक: पहियों पर पैर (यात्रा-वृत्तांत) लेखक: प्रो. रवि शर्मा ‘मधुप‘ प्रकाशक: साहित्यभूमि, नई दिल्ली संस्करण: प्रथम (2024) पृष्ठ: 143 मूल्य: ₹595 यात्रा-वृत्तांत हिंदी साहित्य की एक लोकप्रिय विधा है। यात्रा-वृत्तांत में लेखक की यात्रा-स्थल का यथार्थवादी वर्णन होता है। आगे पढ़ें
विक्रम बिलगैंया कृत सुदामा चरित्र: लोकजीवन और मनोविज्ञान का काव्य
समीक्षित पुस्तक: विक्रम बिलगैंया कृत सुदामा चरित्र सम्पादन: डॉ. गंगाप्रसाद बरसैंया, डॉ. श्यामसुन्दर दुबे सह-सम्पादन: डॉ. सत्येन्द्र शर्मा प्रकाशक: अनुज्ञा बुक्स, शाहदरा, दिल्ली-110032 प्रथम संस्करण: 2026 ISBN: 978-93-48214-96-6 पृष्ठ संख्या: 128 मूल्य: ₹500 साहित्य समाज का दर्पण है। यह सर्वमान्य आगे पढ़ें
संस्मरण
कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन श्री पीएम प्रसाद के जीवन के अनेक अनछुए प्रसंग
जब भी श्री पी.एम. प्रसाद साहब का नाम चर्चा में आता है तो आँखों के सामने उभर आती है एक सौम्य भाव लिए बुद्ध प्रतिमा। हास्य स्मित भरा चेहरा। भले ही, उनकी मूँछें और केश श्वेतवर्णी है, अन्यथा ऐसा आगे पढ़ें
पहाड़ों में जन्मदिन—भवाली से आगे, तितोली की शान्ति में
(Diary from the Himalayan foothills, written on a mist-laced morning in October) इस साल हमने तय किया कि बेटी का जन्मदिन शहर की भागदौड़, रेस्तराँ और मोमबत्तियों के बीच नहीं, बल्कि पहाड़ों की गोद में मनाएँगे, जहाँ समय आगे पढ़ें
साहित्य का निर्भीक साधक: डॉ. रामशंकर द्विवेदी जी
इस समय साहित्य के क्षेत्र में उरई को जाना जाता है तो डाॅ. रामशंकर द्विवेदी जी के नाम से जाना जाता है। वे आलोचक, निबंधकार के साथ साथ अनुवादक भी है। बांग्ला भाषा में उनका बहुत काम है। वे आगे पढ़ें
नाटक
अथ मानसून-वितरण संवाद
मानसून आवंटन के हेड ऑफ़िस इन्द्रपुरी महकमे के काल्पनिक वार्तालाप— कालिदास के मेघदूतम् प्रसंग से प्रेरित। स्थान: राजधानी का शासकीय मंडप काल: विकट वर्षा मास, ग्रीष्मांत का प्रथम दिन पात्र: ➤ देवराज इंद्र (उच्चाधिकारी, स्वघोषित इन्द्र-प्रतिनिधि) ➤ किंकर (मातहत सेवक, आगे पढ़ें
साक्षात्कार
रूट्स की बातें (साक्षात्कार) शशि पाधा जी के साथ
वर्जीनिया, अमेरिका की शशि पाधा जी प्रवासी हिन्दी साहित्य में एक जाना-माना नाम हैं। देश-विदेश की साहित्यिक काव्य गोष्ठियों एवं परिचर्चाओं में आपकी भागीदारी रहती हैं। आपने लगभग 25 वर्षों तक भारत और अमेरिका में अध्यापन कार्य किया हैं। आगे पढ़ें
कविताएँ
शायरी
समाचार
साहित्य जगत - विदेश
ब्रिटेन की डॉ. वंदना मुकेश को मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति विभाग..
मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी को समृद्ध करने वाले विद्वानों को…
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यॉर्क, यूके में भारतीय प्रवासी समुदाय का ऐतिहासिक काव्य समारोह
दिनांक: 26 अप्रैल 2025 स्थान: यॉर्क, यूनाइटेड किंगडम 26 अप्रैल 2025 को यॉर्क इंडियन कल्चरल एसोसिएशन के तत्वावधान में…
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हिन्दी राइटर्स गिल्ड कैनेडा द्वारा आयोजित ‘राम तुम्हारे अनंत..
हिन्दी राइटर्स गिल्ड कैनेडा द्वारा रामनवमी के पावन अवसर पर ‘राम तुम्हारे अनंत आयाम’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।…
आगे पढ़ेंसाहित्य जगत - भारत
डॉ. रमा द्विवेदी ‘साहित्य अर्चन मंच' द्वारा पुरस्कृत
साहित्य अर्चन मंच, नागपुर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मान समारोह 8 नवम्बर-2025 विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मलेन के सभागार में संपन्न…
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डॉ. रमा द्विवेदी ‘देवेंद्र शर्मा स्मृति मुंशी प्रेमचंद..
युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच का 12वाँ अखिल भारतीय साहित्योत्सव 2 नवम्बर 2025 पब्लिक लाइब्रेरी, दिल्ली के गीतांजलि सभागार में…
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‘प्रोफेसर पूरन चंद टंडन अनुवाद साहित्यश्री पुरस्कार’ से..
दिनेश कुमार माली की ‘दिग्गज साहित्यकारों से सारस्वत आलाप‘ एवं ‘शहीद बीका नाएक की खोज‘ पुस्तकों का हुआ विमोचन …
आगे पढ़ेंसाहित्य जगत - भारत
‘क से कविता’ का बाल-कविता समारोह संपन्न
बाल-दिवस-विशेष: हैदराबाद, 13 नवंबर, 2025। हिंदी-उर्दू कविता को नई पीढ़ी में लोकप्रिय बनाने के लिए समर्पित संस्था “क से कविता”…
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पुस्तकों द्वारा स्वस्थ समाज का निर्माण—इंदिरा मोहन
नई दिल्ली। “साहित्य सदैव मनुष्य को संस्कार देता आया है, उसे सही मार्ग दिखाता आया है। वास्तव में पुस्तकों…
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कुछ राब्ता है तुमसे—राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न
हैदराबाद, 8 अक्टूबर, 2025। मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के गच्ची बावली स्थित दूरस्थ एवं ऑनलाइन शिक्षा केंद्र के…
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