संपादकीय - मनन का एक विषय
साहित्य कुञ्ज के इस अंक में
कहानियाँ
आतंक मुक्ति
इस तरह कमरे में बन्द होकर बैठे रहना अब उसके लिए असह्य हो रहा था। अन्दर से एक अपरिचित क़िस्म की बेचैनी उठकर दिल-दिमाग़ को झटके दे रही थी। क्या वह अभी भी डर रहा है? परन्तु निश्चित रूप आगे पढ़ें
उसकी मुस्कान
कई वर्षों पहले पीपल के वृक्ष के नीचे चबूतरे पर टोली बनाकर गुड्डा-गुड़ियों का विवाह करना जैसे आदि खेल समूह में मिट्टी के बर्तनों के साथ खेलते हुए जाने कब जवानी दहलीज़ पर आ खड़ी हुई उसे एहसास ही आगे पढ़ें
डाकखाने में
उन्नीस सौ बानवे के जिन दिनों क़स्बापुर के एक पुराने डाकखाने में जब मैं सब पोस्ट मास्टर के पद पर नियुक्त हुआ था, तो मैं नहीं जानता था अस्सी वर्षीय मणिराम मेेरे डाकखाने पर रोज़ क्यों आते थे? ‘स्टोरेज आगे पढ़ें
दूर न जाना बिटिया
“अम्मा मैं छत पर जा रही हूँ। अपना खाना भी वहीं ले जा रही हूँ,” रश्मि ने माँ से कहा और भोजन की प्लेट लेकर सीढ़ियाँ चढ़ती हुई छत पर जाने लगी। इस समय दोपहर के दो बज रहे आगे पढ़ें
बड़ी खिड़की
“खिड़की का साइज़ बड़ा करो। इसका डबल होना चाहिए,” पारस ने रेजा मिस्त्री को बोला। “लेकिन, बाबूजी बड़ी खिड़की तो बड़ी बेढब लगेगी। इसी साइज़ का रहने दीजिए, ना।” “नहीं भाई बड़े साइज़ की ही बनाओ। दरअसल बात ये आगे पढ़ें
मदद करने वाले हाथ
बुढ़िया, बीमार तो नहीं है। हाँ, दिनभर तो ठीक ही दिखती है। काम-धाम भी समय से कर लेती है। हाँ, लेकिन, इधर कुछ दिनों से ज़्यादा ही खाँस रही। रात-बिरात बुढ़िया जब ज़्यादा खाँसने लगती है तो चंदन की आगे पढ़ें
सादा जीवन: गुण या अवगुण
“मौसी प्लीज़, यह अपना मोबाइल लेकर हमारे दोस्तों के सामने तो बिल्कुल ही न आइएगा। मैंने आपको सुबह बताया था न कि वे दोपहर को किसी भी समय आपसे मिलने आने वाले हैं . . . दो-एक और भी आगे पढ़ें
हास्य/व्यंग्य
कचरा संस्कृति: भारत का नया राष्ट्रीय खेल
भारत देश में समस्याएँ वैसे तो बहुत हैं, पर ‘कचरा प्रबंधन’ एक ऐसी समस्या है जो न केवल हमारी गलियों, बल्कि हमारे विचारों में भी ठसक से बसी हुई है। हम भारतीयों ने कचरा फैलाने को मानो एक राष्ट्रीय आगे पढ़ें
गले पड़ने वाले दोस्त
यूँ तो जीवन के हर पड़ाव में दोस्त मिलते हैं, कुछ छूट जाते हैं, कुछ गले पड़ जाते हैं। कुछ ऐसे होते हैं, जो आपको दोस्त बदलने का मौक़ा ही नहीं देते। दोस्तों की यूँ तो हज़ारों श्रेणियाँ बनाई आगे पढ़ें
जनतंत्र द्रुत प्रगति पर है
जनतंत्र ऐन चुनाव के दिन सामान और सम्मान के दिन होते हैं। हर टाइप का नास्तिक से नास्तिक समाज सेवक इन दिनों इतना दानी हो जाता है कि उसकी दानवीरता को देख उल्टियाँ लग जाती हैं। चुनाव आते ही आगे पढ़ें
नख शिख वर्णन भ्रष्टाचार का
प्रचलित भाषा में इसे रिश्वत करप्शन या घूस लेना कहते हैं। सुशिक्षित जन इसे करप्शन तो कई इसे बहुधा टेबल के नीचे से ली जाने पर भी ऊपरी कमाई कहते हैं! कोई खुरचन, सुविधा शुल्क, तो कोई विटामिन, सेवा आगे पढ़ें
यह वर्ष हमें स्वीकार नहीं
कुछ लोग नए साल पर यह गीत गाकर कि “यह वर्ष हमें स्वीकार नहीं” पाश्चात्य सभ्यता के प्रति अपने गहरे रंजो-ग़म व भारतीय संस्कृति से अपने खुले लगाव को एक साथ स्वर दे रहे हैं। अगर वह ऐसा नहीं आगे पढ़ें
क़लम थामी जब
जब पहली बार बड़ों के कहने पर क़लम उठाई, ऐसा लगा जैसे क़लम नहीं, कोई जादू की छड़ी पकड़ ली हो। सबने बड़ी तारीफ़ें कीं, ख़ासकर पति ने, और मुझे लगा कि अब मैं साहित्य की दुनिया की नई आगे पढ़ें
आलेख
आंडाल और मीरा–एक अनुशीलन
भक्ति और प्रेम का अंतर्संबंध भारतीय चिंतनधारा का मूलभूत आधार स्तंभ रहा है। भक्ति प्राग्वैदिक काल से ही भारत का जनधर्म बनी रही। और इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि भारतीय चिंतन में पुनर्जन्म का सिद्धांत आगे पढ़ें
आर्टीफ़िशियल इंटेलिजेंस और बिना इंटेलिजेंस का जीवन
समय बदलता है, वक़्त निकल जाता है, नई खोजें होती हैं, अद्भुत शोध होते हैं, चंद्रमा पर घूम कर आते हैं और डिजिटल क्रांति का जयनाद होता है। फिर न जाने कौन, क्यों इस आर्टीफ़िशियल इंटेलिजेंस के ज़माने में आगे पढ़ें
कोणार्क—एक जीवंत गाथा
सौंदर्य का कोई अंत नहीं होता। इसका महत्त्व दर्शक की दृष्टि में सदैव नवीन रहता है। कोणार्क इसका ज्वलंत उदाहरण है—नित्य नूतन है कोणार्क। कोणार्क ओड़िशा की उत्कलीय संस्कृति, ऐतिह्य गौरव का प्रतीक है। यह विश्व के ऐतिह्य की सूची आगे पढ़ें
गूगल लैब का नया कृत्रिम बुद्धि आधारित डिजिटल नोटबुक
नोट एलएम (NoteLM) गूगल लगातार AI तकनीक में नए मुक़ाम हासिल कर रहा है। इसी क्रम में, गूगल लैब ने हाल ही में नोट एलएम नामक एक नया भाषा मॉडल पेश किया है। यह मॉडल हिंदी भाषा को समझने आगे पढ़ें
चुनावी लोकतंत्र और श्रीलाल शुक्ल का साहित्य
भारतीय लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया की जटिलताएँ समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से अनूठी हैं। इससे संबंधित ग्रामीण और शहरी समाजों के अंतर्विरोधों, सामाजिक संरचनाओं और राजनीतिक चतुराई को जिस सटीकता से श्रीलाल शुक्ल ने अपने साहित्य में उकेरा है, वह भारतीय आगे पढ़ें
जीवंत रीति-रिवाज़ों और परंपराओं से सजा मकर संक्रांति का उत्सव
(14 जनवरी विशेष) हिंदू महाकाव्य महाभारत में मकर संक्रांति से जुड़े माघ मेले का उल्लेख है। हर बारह वर्ष बाद मकर संक्रांति पर कुंभ मेला आयोजित होता है, जो विश्व के सबसे बड़े सामूहिक तीर्थस्थलों में से एक है, आगे पढ़ें
मैथिली खंडकाव्य ‘हरवाहक बेटी’ में फ़ज़लुर रहमान हाशमी की दृष्टि
मैथिली साहित्य के इतिहास में आचार्य फ़ज़लुर रहमान हाशमी का नाम पहले मुस्लिम कवि के रूप में लिया जाता है। श्री हाशमी का जन्म 09जनवरी 1942 को पटना के बराह नामक स्थान में हुआ, पर भारत और पाकिस्तान के आगे पढ़ें
समीक्षा
अनुभव की चरम सीमा का प्रतिफल है: ‘असम्भव से सम्भव तक’
समीक्षित पुस्तक: असम्भव से सम्भव तक (उपन्यास) लेखक: डॉ. रमाकांत शर्मा प्रकाशक: इंडिया नेटबुक्स, सी-122, सेक्टर 19, नोएडा-201301 मूल्य: ₹300.00 आज सूर्योदय एक नया संदेश लेकर आया। डॉ. रमाकांत शर्मा के नए उपन्यास ‘असम्भव से सम्भव तक’ के प्रकाशन आगे पढ़ें
औरत के साहस की कथा
समीक्षित पुस्तक: मन्नू की वह एक रात (उपन्यास) लेखक: प्रदीप श्रीवास्तव प्रकाशक: अनुभूति प्रकाशन, लखनऊ प्रकाशन वर्ष: 2013 इस उपन्यास को किस वर्ग में रखूँ, अभी मेरे समक्ष यह सवाल है क्योंकि इसे जहाँ भी रखने का प्रयास करती हूँ, आगे पढ़ें
संकेतक और सचेतक कविताओं का संग्रह: पीपल वाला घर
समीक्षित पुस्तक: पीपल वाला घर (काव्य संग्रह) लेखक: रमेश कुमार सोनी प्रकाशक: जिज्ञासा प्रकाशन गाजियाबाद 2023 पृष्ठ:130 मूल्य: 200₹ ISBN: 978-81-19292-90-5 ‘पीपल वाला घर’ रमेश कुमार सोनी का सद्यः प्रकाशित काव्य संग्रह है। संग्रह में लिखी सारी कविताएँ पर्यावरणीय चिंता आगे पढ़ें
स्त्री का अनबूझा संसार
समीक्षित कृति: औघड़ का दान एवं अन्य कहानियाँ कृतिकार: प्रदीप श्रीवास्तव प्रकाशक: भारतीय साहित्य संग्रह, 109/108, नेहरू नगर, कानपुर प्रकाशन वर्ष: 2024 यह चर्चा है वरिष्ठ कहानीकार प्रदीप श्रीवास्तव के कहानी संग्रह ‘औघड़ का दान एवं अन्य कहानियाँ’ पर। श्रीवास्तव आगे पढ़ें
स्त्री विमर्श के प्रत्येक पहलू को छूता कहानी संग्रह: रवानगी
समीक्षित पुस्तक: रवानगी (कहानी संग्रह) लेखिका: निशा भास्कर प्रकाशक: किताबघर प्रकाशन २४ अंसारी रोड, दरयागंज, न्यू दिल्ली मूल्य: ₹165.00 पृष्ठ संख्या: 104 ISBN: 978-9389663655 एमाज़ॉन.इन पर उपलब्ध लिंक: रवानगी रवानगी कहानी संग्रह की लेखिका निशा भास्कर जी, दिल्ली शिक्षा निदेशालय आगे पढ़ें
संस्मरण
कृष्ण भाईसाहब: वह शांत, मुस्कुराता चेहरा
यह जीवन एक रंगशाला है। इसमें तरह-तरह के पात्र हैं। अच्छे भी, बुरे भी। सब अपना-अपना पार्ट कर रहे हैं। शायद इसी से जीवन में इतने रंग, इतनी विविधता, इतनी गतियाँ हैं। पर इसी जीवन में कुछ ऐसे लोग आगे पढ़ें
बीकानेर यात्रा
नया वर्ष मनाने लोग न जाने कहाँ-कहाँ जाते हैं, जाना चाहते हैं। मैं भी बहुत जगहों के बारे में सोच रहा था। देश से बाहर बाली, कुआलालंपुर, सिंगापुर या श्रीलंका भी एक विकल्प हो सकता था। देश में दक्षिण आगे पढ़ें
अन्य
कूड़ी के गुलाब (काव्य संग्रह): बँधुआ मज़दूरी से कविता तक
काव्य संग्रह: कूड़ी के गुलाब कवि: अमित धर्मसिंह प्रकाशक: रचनाकार प्रकाशन, मुजफ्फरनगर प्रथम संकरण: 2023 (पेपरबैक) पृष्ठ संख्या: 212 मूल्य: 300/₹ आज जब हम गद्य अथवा कविता लेखन की बात करते हैं तो वह वार्ता निरंतर बदलती समकालीन परिस्थितिओं आगे पढ़ें
कविताएँ
शायरी
समाचार
साहित्य जगत - विदेश
इंदौर की प्रवासी लेखिका डॉ. वंदना मुकेश को भारतीय उच्चायोग लंदन..
सुप्रतिष्ठ प्रवासी रचनाकार डॉ. वंदना मुकेश को भारत के उच्चायोग, लंदन द्वारा विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में वर्ष…
आगे पढ़ेंचुनावी लोकतंत्र और श्रीलाल शुक्ल का साहित्य: अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी..
जनता सजग, लोकतंत्र सफल—श्रीराम तिवारी आईपीएस हैदराबाद, 1 जनवरी, 2025 श्रीलाल शुक्ल स्मारक राष्ट्रीय संगोष्ठी समिति तथा हिंदी…
आगे पढ़ेंब्रिटेन में कत्थक का मनोहारी प्रदर्शन—दिव्या शर्मा का मंच प्रवेश
स्थान: मिडलैंड आर्ट सेंटर, बर्मिंघम, 14 सितंबर 2024 ब्रिटेन में 14 सितंबर 2024 को मिडलैंड आर्ट सेंटर, बर्मिंघम में…
आगे पढ़ेंसाहित्य जगत - भारत
ग्रहण काल एवं अन्य कविताएँ का विमोचन संपन्न
उद्वेलन एवं संवेदनाओं की कविताएँ: प्रो. बी.एल. आच्छा सरल शब्दों में गहन विषयों को व्यक्त करना आसान नहीं: गोविंदराजन…
आगे पढ़ेंकाव्यांजलि: महिला क्रिश्चियन कॉलेज में भारतीय भाषा दिवस..
महिला क्रिश्चियन कॉलेज ने हाल ही में भारतीय भाषा दिवस मनाया, जो प्रसिद्ध तमिल कवि और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमणिय…
आगे पढ़ेंपाठ्यपुस्तकों में त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ
साहित्यकार एवं सुपरिचित कुण्डलियाकार और उत्तर पश्चिम रेलवे में इंजीनियर त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ विभिन्न पाठ्यपुस्तकों में संकलित…
आगे पढ़ेंसाहित्य जगत - भारत
डॉ. अमित धर्मसिंह के काव्य संग्रह कूड़ी के गुलाब का हुआ लोकार्पण
नव दलित लेखक संघ, दिल्ली के तत्वावधान में लोकार्पण एवं काव्यपाठ गोष्ठी का आयोजन हुआ। गोष्ठी दो चरणों में…
आगे पढ़ेंशिवना नवलेखन पुरस्कार 2024 की घोषणा
‘शिवना नवलेखन पुरस्कार’ 2024 की घोषणाः रश्मि कुलश्रेष्ठ और शुभ्रा ओझा की साहित्य में दस्तक डॉ. परिधि शर्मा का…
आगे पढ़ेंराजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गाहलियां में धूमधाम..
कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गाहलियां में वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह आयोजित किया गया। समारोह की…
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