चरित्रहीन

15-03-2023

चरित्रहीन

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 225, मार्च द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

कुछ लोग बाँटते हैं 
चरित्र
प्रमाणपत्र। 
नहीं झाँकते अपने
आधे अधूरे जीवन को
लोगों पर उँगली उठाना
अनर्गल बातें बाँटना
निश्छल भावनाओं की
हँसी उड़ाना
बताता है कि वो अंदर से
कितने खोखले हैं। 
ख़ुद जी रहे हैं नर्क की
ज़िन्दगी
ढो रहे हैं जीवन को
नारकीय यातनाओं के 
बीच हरदिन मरते हुए
उठाते हैं उँगलियाँ
सिर्फ़ पैसा कमाते हैं दिन भर
और पशुओं की तरह जीते हैं। 
चरित्र सिर्फ़ वह नहीं है
जो वो समझते हैं
सिर्फ़ स्त्री पुरुष के सम्बन्ध
के पैमाने से चरित्र को परखना ही
चरित्र हीनता नहीं है। 
चरित्र हीनता है अपने सपनों
को मार डालना
चरित्रहीनता है अपने 
अहंकार को पुष्ट करना
चरित्रहीनता है प्रेम की 
निर्मल कोमल भावनाओं की
हँसी उड़ाना। 
चरित्र हीनता के कई आयाम है। 
समाज में गुमनामी की ज़िन्दगी जीना
सिर्फ़ ज़िन्दगी भर पैसे कमाना
और मर जाना। 
अपने बच्चों को अच्छे
संस्कार न दे पाना। 
दूसरों की कोमल भावनाओं
का सम्मान न करना। 
कर्तव्यनिष्ठ होकर अपना
विहित कार्य न करना। 
चरित्र हीनता लक दक कुर्ते
पहन कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध
भाषण देकर करोड़ों रुपए बनाना है। 
चरित्र हीनता हर वो बात है
जो देश के विरुद्ध हैं
चरित्र हीनता अन्याय के 
विरुद्ध चुप होकर बैठना है। 
अपने सौंदर्य और गुणों
पर अहंकार करना
अपने आप को श्रेष्ठ समझना 
चरित्र हीनता ही तो है
काश सब समझ सकें कि
किसी के चरित्र पर उँगली
 उठाना कितना आसान है
और अपनी चरित्रहीनता
को उजागर करना कितना कठिन। 
काश हम दूसरों के चरित्र 
के प्रमाणपत्र बाँटने से पहले
अपने चरित्र में सुधार कर सकें। 
काश!

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