हर चीज़ फ़्री

15-10-2022

हर चीज़ फ़्री

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 215, अक्टूबर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

“मैं तुम्हारी भक्ति से अति प्रसन्न हूँ माँगो क्या वर माँगना है,” लक्ष्मी जी साक्षात् सरोज के सामने खड़ीं मुस्कुरा रहीं थीं। 

“माँ आप आ गयीं मुझे विश्वास नहीं हो रहा है,” सरोज हड़बड़ा कर खड़ी हो गयी। 

“माँगो सरोज क्या माँगना है मैं प्रसन्न हूँ,” लक्ष्मी जी पुनः मुस्कुरा कर बोलीं। 

“माँ आप मेरे पास आयीं हैं या मैं आपके पास आयी हूँ। कृपया मुझे बताएँ,” सरोज को अब डर लगने लगा कि कहीं वह स्वर्ग तो नहीं चली गयी। 

“नहीं मैं तुम्हारे पास मृत्यु लोक में हूँ, माँगों क्या माँगना है?” लक्ष्मी जी सरोज की चतुराई पर मुस्कुराईं। 

“अच्छा माँ आप मेरे घर आई हो मेरा प्रणाम स्वीकार करो! आपका दिया हुआ मेरे पास है; माँ बस ये महँगाई कम करवा दो, सभी लोग बहुत त्रस्त हैं,” सरोज के चेहरे पर पीड़ा थी। 

“सरोज ये वैश्विक समस्या है। तुम अपनी व्यक्तिगत पूर्ति हेतु वर माँगों,” लक्ष्मी जी थोड़ी अप्रसन्न सी लगीं। 

“माँ व्यक्तिगत समस्याएँ तो बहुत हैं, कितनी समस्याएँ बताऊँ पर अगर आपको कुछ देना ही है तो बस एक ही वर दो। मुझे सरकार से हर चीज़ कम दामों में मिले या फ़्री मिले,” सरोज ने मुस्कुराते हुए कहा। 

एवमस्तु कह कर लक्ष्मी जी अंतर्ध्यान हो गयीं। 

उसी क्षण सरोज का सारा वैभव नष्ट हो गया। उनका परिवार ग़रीब हो गया और उनको सरकार से हर चीज़ सब्सिडी में मिलने लगी। गेहूँ, चावल, शक्कर, उज्ज्वला गैस, जन-धन खाते में पैसे मिलने लगे, प्रधानमंत्री आवास योजना से घर के लिए पैसे इत्यादि इत्यादि। 

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