काश मैं नींबू होता

15-05-2022

काश मैं नींबू होता

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 205, मई द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

आजकल सोने और नींबू में कॉम्पिटिशन चल रहा है और सोना मुझे पिछड़ता नज़र आ रहा है। कल जब मैं बाज़ार जा रहा था तो मैंने देखा मेरी पत्नी अपनी पड़ोसन के झुमके देख कर मुझसे बोली, “मुझे झुमके चाहिए वो भी नींबू वाले।” 

मैं चौंक गया, “मैंने कहा भागवान सोने के कहो तो ला दूँ, नींबू के झुमके की मेरी हैसियत नहीं है, पर तुमको ये नींबू वाले झुमके कहाँ मिल गए?” 

पत्नी ने जलन भरे स्वर में कहा, “वो शर्माइन बड़े घमंड से कह रही थी ’आज मेरे पति ने मुझे ये नींबू वाले झुमके ला कर दिए हैं। उस सुनार ने सिर्फ़ नींबू की क़ीमत लगाई है सोना फ्री में दिया है’। सुन कर लगा अपना सारा सोना बेच कर थोड़े से नींबू ख़रीद लूँ।” 

कल मेरे घर पंडित जी आये बोले—घर में बुरी बलाएँ हैं इस हेतु नींबू मिर्च का प्रयोग करना है; सुन कर मेरे होश उड़ गए। मैंने उनसे कहा, “पंडित जी मैं बुरी बालाओं को झेल लूँगा पर नींबू ख़रीदना मेरे बस में नहीं है,” पंडित बुरा मुँह बनाये चुपचाप चले गए। उनके चेहरे पर दो चार नींबू चपेट कर न ले जाने का दुःख स्पष्ट नज़र आ रहा था। 

पड़ोस वाले गुप्ता जी की बिटिया की शादी इसलिए केंसिल हो गयी है कि लड़के वालों ने हर बाराती को गिफ़्ट में एक-एक नींबू देने की शर्त रख दी। बेचारे गुप्ता जी ने कहा, “आप सोना माँग लीजिये दे दूँगा पर नीबू मेरे बस के बाहर है।” 

नींबू ने सारा बदला एक ही बार में ले लिया है अब तक हम नींबू निचोड़ते थे इस बार नींबू ने हमें ऐसा निचोड़ा है कि तन मन सब कराह उठा है। 

कल पत्नी ने अल्टीमेटम दे दिया कि मुझे हर हाल में नींबू चाहिए! मैंने तिकड़म लगाई बाजू में चड्डा अंकल का बग़ीचा था, मैंने सोचा रात के दो बजे जब सब सो जाएँगे तब नींबू की चोरी करूँगा। सो रात भर सबके सोने का इंतज़ार करता रहा। जब सब सो गए तब चुपचाप उठा और चड्डा अंकल के बग़ीचे में पहुँचा, वहाँ का नज़ारा देख कर दंग रहा गया। मेरे आजू-बाजू के सभी पड़ोसी मेरे जैसे चुपचाप चोरी से चड्डा अंकल के बग़ीचे की ओर जा रहे थे और बग़ीचे में नींबू के पेड़ के चारों और सर्च लाइट लगी हुईं थी। 10 पहरेदार घूम-घूम कर उस पेड़ पर नज़र रखे हुए थे। इतनी सुरक्षा तो शायद कोहिनूर हीरे की भी नहीं होगी।

हम सभी मायूस होकर लौट आये। सुबह पत्नी के अल्टीमेटम को ध्यान में रखते हुए मैं अपने सारे पैसे एक बैग में भर कर अपने नौकर के साथ सब्ज़ी मार्किट गया और जैसे ही नींबू की दुकान की ओर मुड़ा तो वहाँ पर LIB के लोग चौकन्ने हो गए। मैंने डरते हुए पाँच नींबू ख़रीदे और नौकर, जिसके हाथ में राइफल थी उसको चौकन्ना रहने को कहा क्योंकि किसी भी क्षण कोई भी गुण्डा बदमाश इतनी क़ीमती चीज़ लूट सकता था। घर पहुँचने के एक घंटे के अंदर इन्कमटैक्स और सीबीआई की टीम इन्वेस्टिगेशन के लिए दरवाज़े पर खड़ी थीं। बहुत मिन्नतें और ख़ुशामद के बाद तीन नींबू में सौदा पटा। दो नीबू जो फ़्रिज में रखे हैं उन्हें सूँघ सूँघ कर पूरी गर्मी गुज़ारनी है। 

वैसे जबसे हमारे घर पर नीबुओं को लेकर रेड पड़ी है तबसे मोहल्ले एवं समाज में हमारी पूछ-परख बढ़ गयी है। नींबू का स्टेटस इतना बढ़ गया है कि आजकल नेताओं ने सफ़ेद कुर्तों पर नींबू के प्रिंट बनवा लिए हैं। वैसे आजकल गिफ़्ट का पैटर्न चेंज हो गया है पत्नियों ने अपने पतियों से, प्रेमिकाओं ने अपने प्रेमियों से, बहिनों ने अपने भाइयों से, अफ़सरों और नेताओं ने अपनी घूसखोरी में महँगे गिफ़्ट की जगह नींबू गिफ़्ट पैक माँगना शुरू कर दिया है। वैसे ये मिडिया की ख़बर है कि हमारे देश में नींबू की क़ीमतें इसलिए बढ़ीं हैं ताकि हमारे दुश्मनों के दाँत खट्टे हो जाएँ और हमारे विकास बाबू को देख कर उन्हें मिर्ची लगती रहे। 

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