भारत माँ का मान

01-08-2021

भारत माँ का मान

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 186, अगस्त प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

(किशोर कविता -सरसी छंद )
 

हे शिव जी हम बच्चों को तुम
देना बुद्धि अपार।
पार करें हम सारी दुविधा
संघर्षों की धार।
देश हमारा रहे सुरक्षित
हो विकास भरपूर।
मिलजुल कर हम रहें साथ में
कष्ट रहें सब दूर।
 
सबसे सुंदर सबसे न्यारा
उपवन जैसा देश।
सब धर्मों का मान है इसमें
सभ्य सुलभ परिवेश।
गंगा यमुना रेवा कृष्णा
इसकी जीवन धार।
खड़ा हिमालय मस्तक ताने
चरणों में संसार।
 
भारत की ये पावन भूमि,
हम इसकी संतान।
शीश चढ़ा कर भी हम रखते,
भारत माँ का मान।
चाहे कोई धर्म जाति हो,
चाहे कोई वर्ग।
मातृभूमि की रक्षा में हम,
करें प्राण उत्सर्ग।

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

काव्य नाटक
गीत-नवगीत
कविता
दोहे
लघुकथा
कविता - हाइकु
नाटक
कविता-मुक्तक
वृत्तांत
हाइबुन
पुस्तक समीक्षा
चिन्तन
कविता - क्षणिका
हास्य-व्यंग्य कविता
गीतिका
सामाजिक आलेख
बाल साहित्य कविता
अनूदित कविता
साहित्यिक आलेख
किशोर साहित्य कविता
कहानी
एकांकी
स्मृति लेख
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
ग़ज़ल
बाल साहित्य लघुकथा
व्यक्ति चित्र
सिनेमा और साहित्य
किशोर साहित्य नाटक
ललित निबन्ध
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में