वयं राष्ट्र

15-08-2020

वयं राष्ट्र

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 162, अगस्त द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)

देशभक्ति गीत
 

नील धवल हिमगिरि का मस्तक
सागर चरणों को चूमे।
वयं राष्ट्र भारत का परचम
विश्व पताका बन घूमे।


केसरिया है शौर्य हमारा
श्वेत शांति का परिचायक
विजयी विश्व अशोक चिन्ह है
हरा रंग सब सुख दायक।
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
आओ इसको नमन करें।
सत्य न्याय का ये संवाहक
तन मन धन से यजन करें।


इक सौ तीस करोड़ आत्म जन
ध्वज हृदयङ्गम कर झूमे।
वयं राष्ट्र भारत का परचम
विश्व पताका बन घूमे।


सजला सफला माँ वसुन्धरे
शास्वत सुयश गीत में तुम
ज्ञान रश्मि गौरव से पूरित
तुझको नमन करें सब हम
सभी धर्म अरु सभी जातियाँ
तेरे अंक समाहित हैं।
गीता वेद कुरान ग्रन्थ सब
तेरे नभ में वाहित हैं।


विश्व मंच अभिभूत देखता
तेरा गौरव नभ चूमे।
वयं राष्ट्र भारत का परचम
विश्व पताका बन घूमे।


विश्व शिखर की ओर बढ़ें हम
घृणा बैर को हम छोड़ें।
दिग दिगंत हो नाम हमारा
सारे बंधन हम तोड़ें।
आओ श्रम की ज्योति जलाएँ
करें उजाला भागे तम।
राष्ट्र गगन की दिव्य ज्योति पर
जीवन करें निछावर हम।


मातृभूमि की सेवा करते
प्राण विसर्जित कर झूमें।
वयं राष्ट्र भारत का परचम
विश्व पताका बन घूमे।

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