रिश्तों पर क्षणिकाएँ

15-12-2025

रिश्तों पर क्षणिकाएँ

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 290, दिसंबर द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

1. 
रिश्ते तभी खिलते हैं
जब शब्दों से अधिक
मौन सहज होता है। 
 
2. 
प्रेम वह है
जो लौटकर नहीं आता
फिर भी मन में 
बना रहता है। 
 
3. 
किसी का हाथ पकड़ना
सिर्फ़ पकड़ना नहीं
उसमें एक जीवन 
थामना है। 
 
4. 
रिश्ते की उम्र
दिनों से नहीं बढ़ती
विश्वास की साँसों से बढ़ती है। 
 
5. 
प्रेम का चरम
किसी को पा लेने में नहीं, 
उसके लिए 
बदल जाने में है। 
 
6. 
जो रिश्ते
टूटकर भी आवाज़ न दें
वही सबसे ज़्यादा 
दर्द देते हैं। 
 
7. 
साथ चलने वाले
हमसफ़र नहीं होते, 
दिल समझने वाले होते हैं। 
 
8. 
प्रेम को
बड़ी घोषणाएँ नहीं चाहिए
बस एक सच्ची धड़कन। 
 
9. 
रिश्तों में
थोड़ी जगह भी 
देनी होती है
उसी में साँसें बची रहती हैं। 
 
10. 
किसी के लौट आने की आशा
कभी-कभी
प्रेम से भी गहरी होती है। 

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