कविताएँ संस्कृतियों के आईने हैं

01-04-2021

कविताएँ संस्कृतियों के आईने हैं

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 178, अप्रैल प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

कुछ कविताएँ के कोने लदे
होते है दर्द के सलीबों से।
कुछ कविताएँ भरी होती हैं
ख़ुशी के नसीबों से।
 
कुछ कवितायें अव्यक्त सा
भाव देकर बिखर जाती हैं।
कुछ कवितायें सब कुछ व्यक्त कर 
अन्तर्मन में उतर जाती हैं।
 
कुछ कवितायें शोरगुल के भँवर में 
डूब कर अधूरी रह जाती हैं।
कुछ कवितायें षोडशी सी
सजी मन को लुभाती हैं।
 
कुछ कवितायें सुगन्धित सी
कर देती हैं मन को आनंदित।
कुछ कवितायें कर देती हैं
अंतर्मन को मुदित।
 
कुछ कविताओं में होते हैं उलाहने।
कुछ कविताओं में होते है गहरे मायने।
 
कुछ कविताओं में होते हैं
वर्तमान के प्रतिबिम्ब।
कुछ कविताओं में होते है
भविष्य के आलम्ब।
 
कुछ कविताओं में खड़े होकर
प्रश्न तलाशते हैं उत्तर।
कुछ कविताएँ सुलगती रहती
हैं मन के भीतर।
 
कुछ कविताओं में होती है
प्रभु की प्रार्थना।
कुछ कविताओं में होती हैं
सत्य धर्म की भावना।
 
कुछ कविताएँ अश्लील कपड़े पहन 
नृत्य करती हैं बार बालाओं सी।
कुछ कविताएँ होती हैं 
सजी धजी मधुशालाओं सी
 
कुछ कविताएँ समेटे होती हैं
भूत का दर्द वर्तमान की लंकाएँ।
कुछ कविताओं में होती है
भविष्य की ख़ुशी और आशंकाएँ।
 
कुछ कविताएँ बाल मन को
टटोलती किलकारियाँ भरती हैं।
कुछ कविताएँ आम आदमी
के दर्द का बखान करती हैं।
 
कुछ कविताओं में चाँद और प्रेम 
पर लेटे शब्दों की शहनाइयाँ हैं|
कुछ कविताओं में रिसते दर्द
की रुसवाइयाँ हैं।
 
कुछ कविताओं में राजनीति
के सरोकार होते हैं।
कुछ कविताओं में चरण धोते
साहित्यकार होते हैं।
 
कुछ कविताओं में जंगल की कराह 
और मरते जानवर होते हैं।
कुछ कविताओं में दूषित पर्यावरण 
और सूखते कुएँ रोते हैं।
 
कुछ कविताओं का स्तर भू जल 
से भी नीचे जाकर गिरता है।
कुछ कविताओं में विचारों का
गन्दा पानी आ आकर मिलता है।
 
कुछ कविताएँ शृंगार के नाम पर 
अश्लीलता का बखान करती हैं।
कुछ कविताएँ सिर्फ़ महिला
पुरुषों का बखान करती हैं।
 
कुछ कविताएँ ख़ुश्बू सी फैल
कर मन पर छा जाती हैं।
कुछ कविताएँ इत्र सी महक
कर दिल में उतर जाती हैं।
 
कुछ कविताओं में देश भक्ति
का स्वर होता है।
कुछ कविताओं से देश का
नाम अमर होता है।
 
कुछ कविताएँ ख़ुद को लजाती हैं।
कुछ कविताएँ वैमनष्यता फैलाती हैं।
 
कुछ कविताएँ त्योहारों 
का गुणगान करती हैं।
कुछ कविताएँ प्रकृति 
का बखान करती हैं।
 
कुछ कविताएँ किसी को
समझ में नहीं आतीं हैं।
कुछ कविताएँ स्वयं 
का अर्थ समझाती हैं।
 
कुछ कविताओं में विज्ञान 
की कहानी होती हैं।
कुछ कविताओं में शिक्षा
सयानी होती हैं।
 
कुछ कविताएँ समाज का दर्पण होती हैं।
कुछ कविताएँ वृद्धों की दशा पर रोती हैं।
 
कविताएँ भाषाओं के मायने हैं।
कविताएँ संस्कृतियों के आईने हैं।
 
कविताएँ शब्दों सुरों 
और भावों की आत्मा हैं।
कविताएँ सृष्टि के लिए
साक्षात परमात्मा हैं।
 

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