प्रभु परशुराम पर दोहे

01-05-2025

प्रभु परशुराम पर दोहे

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 276, मई प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

परशुराम प्रभु नाम है, शक्ति शौर्य का रूप। 
विप्र शिरोमणि आप हैं, भार्गव वंश अनूप॥
 
पिता जमदग्नि सुत प्रबल, मात रेणुका लाल। 
फरसा कर में धारते, तेज प्रचंड विशाल॥
 
लड़ते रहे अधर्म से, क्रोध अग्नि अवतार। 
शस्त्र ज्ञान बुद्धि प्रबल, महिमा अपरम्पार॥
 
शिव के अनुपम शिष्य हैं, विद्या प्रबल प्रवीण। 
न्याय हेतु लड़ते सदा, रखते धर्म नवीन॥
 
दानवीर अति वीर वर, कर दी पृथ्वी दान। 
हृदय भाव वैराग्य का, तज मन का अभिमान॥
 
ब्राह्मण तेज अनूप है, वाणी में थी धार। 
सत्य हेतु संघर्षरत, करते नहीं विचार॥
 
टूटा जब गुरु का धनुष, लिया क्रोध अवतार। 
शांत हुए तत्काल फिर, देख राम व्यवहार। 
 
भीष्म, द्रोण गुरु आप हैं, आप सत्य संधान। 
शस्त्र आप से सीख कर, मिला कर्ण को ज्ञान। 
 
परशु जयंती आज है, करते सुमिरन ध्यान। 
जीवन में साहस भरें, करें धर्म का मान॥
 
विप्र शिरोमणि आप हैं, शक्ति बुद्धि आधार। 
पाप मिटे इस धरा से, हो सबका उद्धार॥
 
विप्र वंश पर हो कृपा, दो बल विद्या दान। 
अन्यायों से हम लड़ें, रहे न मन अभिमान। 

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