पानी की बर्बादी रोको।
व्यर्थ बहाये उसको टोको।

पापा सेविंग करते रहते
खाली नल यूँ चलते रहते।

देखो मम्मी रोज नहाती।
सौ लीटर जल रोज़ बहाती।

भैया हरदिन मोटर धोते
कितने कम है जल के सोते।

नगरपालिका के नल बहते।
रोज हज़ारों प्यासे रहते।

हर जन का हो ये संकल्प।
जल संरक्षण मात्र विकल्प।

हम बच्चे सब क़सम उठायें।
अब न पानी व्यर्थ बहायें।

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