दुर्मिल सवैया – डॉ. सुशील कुमार शर्मा – 001

15-04-2021

दुर्मिल सवैया – डॉ. सुशील कुमार शर्मा – 001

डॉ. सुशील कुमार शर्मा (अंक: 179, अप्रैल द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

 

दुर्मिल सवैया

( सगण(112) X 8

यति 12,12 वर्ण पर 

1.

प्रभु नाम जपो सुख धाम सखे, मन में सत ध्यान रहे गुनके ।

कर निश्छल प्रेम पदाम्बुज में, रख ध्यान कपाट खुले मनके॥

कर जोर गुहार करो प्रभु से, सब द्वार बिसार रखो धनके।

भवसागर पार उतार प्रभो, लख ओर हमार गरीबन के।

2.

तुम दीनन के सुख धाम प्रभो, मधुसूदन कृष्ण सुनन्दन हो।

जय केशव माधव रंग रसे, तुम जीवन का अभिनंदन हो॥

हरि रूप मधूप सुहावन हो, तुम नन्द यशोमति नंदन हो।

मनमोहन कृष्ण महारस हो, तुम मोहन मोह निकंदन हो॥

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