एक इम्तिहान में है

15-01-2025

एक इम्तिहान में है

हेमन्त कुमार शर्मा (अंक: 269, जनवरी द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

एक इत्मीनान में है, 
एक इम्तिहान में है। 
 
बहता कई मोड़ से, 
पानी परेशान में है। 
 
बहरूपिया है जीवन, 
किरदार इन्सान में है। 
 
चाय की प्याली भी, 
अब देखो म्यान में है। 
 
ज़िन्दगी छकाया बहुत, 
एक बैचैनी प्राण में है। 
 
शब्दों की सर्जरी चालू है, 
फुसफुसाया कान में है। 
 
देश को गाली देते हैं, 
वह भी हिन्दुस्तान में है। 
 
वादे किए थे इस बार, 
वह अगले प्लान में है। 
 
पद के सुरूर में कह दिया, 
अब खेद बयान में है। 
 
झूठ बोलता है बच्चा, 
यह लक्षण प्रधान के हैं। 
 
झूठ की वकालत है, 
ख़बर तभी उफान में है। 
 
भीड़ भी लगे अब तो, 
कहीं किसी सुनसान में है। 

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