और भी थोड़ा रहेगा

01-09-2024

और भी थोड़ा रहेगा

हेमन्त कुमार शर्मा (अंक: 260, सितम्बर प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

और भी थोड़ा रहेगा, 
वो बस ऐसा ही कहेगा। 
 
स्वर्ग की आशा बस आशा, 
चित्त जब तक नहीं मरेगा। 
 
उसकी की क़ीमत कुछ नहीं, 
जो आँसू विजनता में बहेगा। 
 
सहने की क्षमता बढ़ा लो, 
यहाँ तो काम ऐसे ही चलेगा। 
 
झूठों की बस्ती चिल्लाते क्यों, 
इधर कोई सच नहीं सुनेगा। 
 
भेड़ बकरी समझा है उसने, 
पता वोट के बाद चलेगा। 

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