सब ग़म घिर आए
हेमन्त कुमार शर्मा
इस खिलखिलाहट
का मतलब है
वह बहुत उदास है।
सब ग़म घिर आए
जितने दिल के पास है।
शाम का अकेलापन,
और अपना ढीठपन।
सब इकट्ठे हुए,
अब जीने की आस है।
बेच कर ख़ुद को
कमाने निकले हैं।
साथ में
ख़र्चे के लिए साँस है।
यह मौसम
सर्द हवा से भरा हुआ।
और बादल से
भरा हुआ आकाश है।
मैं खेल जानता हूँ
मसला कोई और है,
वह जानता नहीं पर
उसके पास ताश है।
सब ग़म घिर आए
जितने दिल के पास है।
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