प्रेम की कसौटी पर

15-11-2023

प्रेम की कसौटी पर

हेमन्त कुमार शर्मा (अंक: 241, नवम्बर द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)


प्रेम की कसौटी पर
दृष्टि रही रोटी पर। 
 
आहट उन चपल क़दमों की, 
मित्रों से पाए बहु सदमों की। 
साँप स्वच्छंद विचरण करे, 
किसकी कृपा छुपी सोटी पर। 
 
भावावेश सब कह डाला, 
लेखन था कितना आला। 
ग़ुस्सा क्योंकर था, 
सब तौर से नोंची बोटी पर। 
 
रात किम् कर्त्तव्य विमूढ़ थी, 
दूरी के छंदों से रूढ़ थी। 
ऊपर से आदेश था, 
क्या कहें राशन की कटौती पर। 

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