हद वालों को बेहद वाला चाहिए

15-07-2024

हद वालों को बेहद वाला चाहिए

हेमन्त कुमार शर्मा (अंक: 257, जुलाई द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

जहाँ देखा, 
तेरी मोजूदगी। 
हद वालों को, 
बेहद वाला चाहिए। 
 
कितनी बार आकर गया, 
ग्रीष्म की दोपहरी में, 
प्यासा रहा। 
क्या क्या सुना क्या क्या कहा। 
उजड़ा हूँ कब से
सँवारने वाला चाहिए। 
 
शीत जीवन की फिर बीत चली, 
अपनों को ठगने की रीत चली, 
आयु भी जैसे तैसे बीत चली, 
भय क्यों जो काँटों बीच कली। 
यों भी जाना है, 
बस आना ना हो, 
आगे मार्ग उधाड़ने वाला चाहिए। 
हद वालों को, 
बेहद वाला चाहिए। 

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