अगर जीवन फूल होता

15-04-2024

अगर जीवन फूल होता

हेमन्त कुमार शर्मा (अंक: 251, अप्रैल द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

अगर जीवन फूल होता, 
काँटों से घिरा होता। 
 
दर्ज की अपनी पीड़ा मन में अपने, 
सामने चौखट पर बैठ देखे थे सपने। 
पता था कोयले मध्य हीरा होता। 
 
छाँव का आंकाक्षी नहीं रहा, 
मैदान शत्रुओं की धूप से भरा। 
पर लक्ष्य को मन अधीरा होता। 
 
मग की कठिनता का बोध है, 
पाया तो ठीक नहीं शोध है। 
वीर बातों से नहीं फिरा होता। 

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