नगर के अरण्य में
हेमन्त कुमार शर्मानगर के अरण्य में
हेमन्त कुमार शर्मा
बोलते रहे लिखते रहे,
नगर के अरण्य में।
आकाश सी सफलता,
पर शान्ति शून्य में।
फिर मार दिया जाएगा,
क्या ढूँढ़ते अभिमन्यु में।
एक एक वोट से सरकार,
तुच्छता नहीं सामान्य में।
व्यर्थ का मूल्य अधिक,
अच्छा साहित्य कम मूल्य में।
संपादक की अस्वीकृति,
बेहतर दूसरों के तुल्य में।
हृदयाकाश में विद्यमान,
ढूँढ़ता रहा अन्य में।
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