ख़ुदा इतना तो कर

15-11-2023

ख़ुदा इतना तो कर

हेमन्त कुमार शर्मा (अंक: 241, नवम्बर द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)


ख़ुदा इतना तो कर, 
मैं रोऊँ आँसू तो छलकें। 
 
ख़्वाब सब झूठे ही थे, 
जागने पर सब टूटे ही थे। 
बिना बहाए आँसू, 
ये बोझ हो कैसे हल्के। 
 
साहब कुछ ग़रज़ नहीं आपसे, 
डरिये मत जो पुकारूँ नाम से। 
बस कोई ठेस ही दें, 
आँसू ही शायद इससे ढलकें। 

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