चुप्पी के पेड़ लगाए हैं

01-10-2025

चुप्पी के पेड़ लगाए हैं

हेमन्त कुमार शर्मा (अंक: 285, अक्टूबर प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

चुप्पी के पेड़ लगाए हैं, 
उपेक्षा के फल पाएँ हैं। 
 
राह पथरीली दोस्त सुन, 
पत्थरों से मंज़िल पे आए हैं। 
 
ऐ दोस्त क्यों कहते नहीं, 
कि हम तुम्हारे दिल तक आए हैं। 
 
सोचोगे तो रात घनेरी है, 
पथ तारों से तो पाए हैं। 
 
बाहर से भीगी अँखियाँ हैं, 
कहा कि आसमां से आए हैं।

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