क्या हो सकता है क्या होना चाहिए
हेमन्त कुमार शर्मा
क्या हो सकता है,
क्या होना चाहिए।
अकाल पड़ा है आँसू का,
कभी कोई बादल
इधर बरसना चाहिए।
अधिकार की बातें ठीक,
कर्त्तव्य का भी अनुसंधान
होना चाहिए।
आदमी हो कोई बात
नहीं,
दुख अधिक हो तो रोना
चाहिए।
बहक जाएगा फिर कोई
उन बातों से,
कि हर किसी को
इक पेड़ बोना चाहिए।
रंगे हुए हाथों को
मन ने सलाह दी,
अखाड़े में उतरने से
पहले
मिट्टी से हाथ धोना चाहिए।
बहुत जीए दूजों
के लिए,
कोई क्षण
अपना भी होना चाहिए।
थक गए विचार सब,
विचार ही थे,
इस पर भी कभी
विचार होना चाहिए।
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