क्या हो सकता है क्या होना चाहिए

15-08-2024

क्या हो सकता है क्या होना चाहिए

हेमन्त कुमार शर्मा (अंक: 259, अगस्त द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

क्या हो सकता है, 
क्या होना चाहिए। 

अकाल पड़ा है आँसू का, 
कभी कोई बादल
इधर बरसना चाहिए। 
 
अधिकार की बातें ठीक, 
कर्त्तव्य का भी अनुसंधान
होना चाहिए। 
 
आदमी हो कोई बात
नहीं, 
दुख अधिक हो तो रोना
चाहिए। 
 
बहक जाएगा फिर कोई
उन बातों से, 
कि हर किसी को
इक पेड़ बोना चाहिए। 
 
रंगे हुए हाथों को
मन ने सलाह दी, 
अखाड़े में उतरने से
पहले
मिट्टी से हाथ धोना चाहिए। 
 
बहुत जीए दूजों
के लिए, 
कोई क्षण
अपना भी होना चाहिए। 
 
थक गए विचार सब, 
विचार ही थे, 
इस पर भी कभी
विचार होना चाहिए। 

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