मैं कहाँ? 

15-03-2022

मैं कहाँ? 

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 201, मार्च द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

तेरी महफ़िल में शोर कहाँ? 
मेरे सिवा
तेरा कोई यहाँ और कहाँ? 
 
लोग कहते हैं
तुम हर लफ़्ज़ को
पकड़ लेते हो। 
फिर तुम्हारी ज़िन्दगी में
मोहब्बत के पन्नों पर
इश्क़ की दास्तां कहाँ? 
 
लोग कहते हैं
हर आशिक़ तेरा यहाँ। 
फिर तेरे चाहने वालों में
यहाँ मेरा नाम का कहाँ? 
 
लोग कहते हैं
मोहब्बत की हर शायरी
हर नग्मे में तेरा नाम है यहाँ? 
फिर इश्क़ के दरिया बीच
प्यार के नाव में
तू अकेला बैठा क्यों यहाँ? 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता
नज़्म
बाल साहित्य कविता
सामाजिक आलेख
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में