चिड़िया (राजीव डोगरा ’निर्मल’)

01-12-2021

चिड़िया (राजीव डोगरा ’निर्मल’)

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 194, दिसंबर प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

चिड़िया उड़ती
चूँ-चूँ करती, 
पंख फैलाकर
नील गगन में
उड़ती कभी यहाँ
कभी वहाँ। 
नन्हे-नन्हे
पंखों से भरती
बड़ी-बड़ी उड़ानें। 
छूकर क्षितिज को
कभी हँसती
कभी मुस्काती। 

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