जीवन-मृत्यु

01-09-2022

जीवन-मृत्यु

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 212, सितम्बर प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

जीवन मृत्यु का भेद
तुमको कुछ बतलाऊँगा। 
हो सका तो तुमको
सच्चा जीवन निर्वाह सिखलाऊँगा। 
 
क्षणभर का जीवन
क्षणभर की मृत्यु
फिर भी
तुमको कुछ बतलाऊँगा। 
 
भेदभाव की नीव
जो रखी तुमने
उसको भी एक दिन मिटाऊँगा। 
 
धर्म के नाम पर
अधर्म तुम करते हो
धर्म की परिभाषा भी तुम
अपनी मर्ज़ी से बदलते हो, 
तुमको सच्चा धर्म
एक दिन ज़रूर सिखलाऊँगा। 

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