तलब

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 235, अगस्त द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

बीते हुए वक़्त कभी लौट आना
मुझे फिर से
हँसना खिलखिलाना है। 
 
बीते हुए वक़्त कभी लौट आना
मुझे फिर से
मस्ती भरे लम्हों को जीना है। 
 
बीते हुए वक़्त कभी लौट आना
मुझे फिर
थक हारकर माँ की गोद में सोना है। 
 
बीते हुए वक़्त कभी लौट आना
मुझे फिर
अधूरी मोहब्बत का क़िस्सा सुनाना है। 
 
बीते हुए वक़्त कभी लौट आना
मुझे फिर से
अपने यारों के साथ ही जीना है। 
 
बीते हुए वक़्त कभी लौट आना
मुझे फिर
बीता हुआ हर लम्हा जीना है। 

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