अस्तित्व

15-12-2023

अस्तित्व

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 243, दिसंबर द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

किसी के पास
जब कुछ बचता नहीं
बुलाए तब तो कोई
मैं इतना सस्ता नहीं। 
 
माना की प्रेम चाहिए
जीवन में
मगर माँगना पड़े
भीख की तरह
वो भी जँचता नहीं। 
 
माना कि जीवन में
कुछ चीज़ें
हासिल नहीं हुईं
फिर भी
देखकर औरों की तरक़्क़ी
मैं कभी जलता नहीं। 

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